52 दिनों बाद जेल से बाहर आए आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, स्वास्थ्य को देखते हुए कोर्ट ने मंजूर की जमानत याचिका

By: Shilpa Tue, 31 Oct 2023 6:04:08

52 दिनों बाद जेल से बाहर आए आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, स्वास्थ्य को देखते हुए कोर्ट ने मंजूर की जमानत याचिका

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास घोटाला मामले में मंगलवार (31 अक्टूबर) को हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई। जेल से बाहर आते ही उन्होंने कहा, मैं इस स्नेह को कभी नहीं भूलूंगा। नायडू के समर्थक जेल के बाहर उनकी झलक पाने के लिए जुटे थे। पोता नारा देवांस भी दादा से मिलने पहुंचा था। राजमुंदरी जेल से बाहर आते ही नायडू ने पोते को गले से लगा लिया।

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास स्कैम केस में मेडिकल आधार पर हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी। उच्च न्यायालय ने आज मंगलवार को आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम (एपीएसएसडीसी) घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को बिगड़ते स्वास्थ्य को आधार मानते हुए उन्हें चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी। इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति टी. मल्लिकार्जुन राव ने मोतियाबिंद सर्जरी सहित उनके इलाज के लिए 28 नवंबर तक अंतरिम जमानत दे दी। यह अंतरिम जमानत नायडू को कुछ शर्तों के तहत दी गई है। इस शर्त में नायडू को 1 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया गया है। अदालत ने सख्त लहजे में उनसे मामले से जुड़े किसी भी व्यक्ति को प्रभावित नहीं करने और 29 नवंबर को आत्मसमर्पण करने को कहा। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अदालत का यह आदेश 52 दिनों से जेल में बंद 73 वर्षीय नेता के लिए बहुत बड़ी राहत है।

नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई 10 नवंबर को

हाई कोर्ट तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख की नियमित जमानत याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई करेगी। अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने 9 सितंबर को कौशल विकास घोटाले में नायडू को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर उनके मुख्यमंत्री रहते हुए हुआ था। वह फिलहाल राजमुंड्री सेंट्रल जेल में बंद हैं। विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट ने 9 अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। टीडीपी सुप्रीमो ने आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

बाद में, उनके वकीलों ने जेल में उनके बिगड़ते स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की। नायडू की ओर से डी. श्रीनिवास ने मामले की पैरवी की। वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने वर्चुअली अपनी दलीलें पेश कीं। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पी. सुधाकर रेड्डी ने मामले की पैरवी की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सोमवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। नायडू और अन्य पर आरोप है कि उन्होंने कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के नाम पर सरकारी खजाने को 300 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।

तेदेपा प्रमुख को आत्मसमर्पण के समय केंद्रीय कारागार अधीक्षक को सीलबंद लिफाफे में उनके इलाज और जिस अस्पताल में उनका इलाज होगा, उसका विवरण उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया गया। अदालत ने कहा, ‘याचिकाकर्ता मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को अदालत या किसी अन्य प्राधिकारी को ऐसे तथ्यों का खुलासा करने से रोकने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई प्रलोभन, धमकी या वादा नहीं करेगा।’

उच्च न्यायालय ने कहा कि अदालत का मानना है चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता वाले रोगी को तत्काल, प्रभावी और व्यापक उपचार दिया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि उपचार किस अस्पताल में कराना है यह मरीज पर निर्भर है। अदालत ने नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की तारीख 10 नवंबर तय की। नायडू कौशल विकास निगम से धन के दुरुपयोग के आरोप में वर्तमान में राजामहेंद्रवरम जेल में बंद हैं। अदालत ने कहा कि नायडू को 28 नवंबर या उससे पहले राजामहेंद्रवरम में केंद्रीय जेल के अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।

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